गर्मी से राहत प्रदान करने के लिए
किसान भाइयो अपने पशुओ को गर्मी से राहत दिलाने के लिए आप ज़ूल पाउडर का ही प्रयोग करे। जून-जुलाई में उत्तर भारत में मानसून की बरसात शुरू हो जाती है जिसके कारण बातावरण में उमस हो जाती है। उमस वाली गर्मी सहन करना बहुत ही मुश्किल होता है।
जब पशु गर्मी से बेहाल हो जाता है तो :
पशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
पशु कम चारा खाता है।
पशु का दूध कम हो जाता है।
पशु हांपने लगता है।
अत्यधिक तनाव और थकान महसूस करता है।
शरीर में पानी और खनिज लवणों की मात्रा घट जाती है
इस के चलते दुग्ध उत्पादन भी बाधित हो जाता है।
ज़ूल पाउडर पशु को गर्मी से राहत प्रदान करके सामान्य तापमान पर लता है। जिससे पशु पुन: सामन्य चारा खाने लगता है और गर्मी की वजह से कम होने वाले दूध को वापिस बढाता है।
जूल पाउडर में निम्न चीज़ो का पोषण मिलता है
डेक्सट्रोस और सुक्रोज पशु के शरीर में रक्त सर्करा और ऊर्जा को बनाये रखने में मदद करता है
माँगीफेरा इंडिका (AMCHUR) अमचूर पाउडर जानवरों के पाचन में सुधार करता है और एसिडिटी से लड़ने में मदद करता है और गर्मी और लू से बचाता है। आम में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो अच्छी मल त्याग सुनिश्चित करता है और कब्ज और पेट फूलने से निपटने में मदद करता है।
एस्कॉर्बिक एसिड्स (VITAMIN C) विटामिन सी न केवल हीट स्ट्रेस में बल्कि यह स्ट्रेस फाइटिंग एड्रिनेलिन का स्त्राव कर पशु को तनाव से राहत देने का काम भी करता है विटामिन सी में एक बेहतरीन हीलिंग पावर होता है, जो घाव जल्दी भरने में बेहद मददगार साबित होता है। प्रतिरोध क्षमता कम होने की स्थिति में भी यह संक्रमण फैलने और बीमारियों से बचाव में सहायक होता है।
अल्फा एमाइलेज :
पाचन और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है।
तनाव दूर करता है।
रोग प्रतिरक्षा बढाता है
सूजन और लालिमा, को कम कर देता है।
सोडियम एसिड फॉस्फेट :अकार्बनिक फॉस्फोरसएटा है जो दुधारू पशुओ में तनाव और गर्मी के कारन हुए काम दुग्ध उत्पादन को बढाता है। शरीर में पानी की मांग को सुनिश्चित करता है और निर्जलीकरण की स्थिति में शरीर हो नुकसान से बचाता है।मेटाबोलिक विकारों जैसे: हाइपो फास्फेटिया, केटोसिस और दूध बुखार का से भी पशु को बचाता है। यह सामान्य दुर्बलता की स्थिति में और लम्स में ब्लोट, पायका के उपचार में उपयोगी है।
सिट्रिक एसिड और सोडियम सिट्रेट पशु के शरीर में ऊर्जा को बनाये रखता है शरीर में आवश्यक पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है पशु की मासपेशिओ में ताकत बनाये रखता है।
जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखता है और भूख को बनाये रखता है हिट करता है
पोटैशियम बाईकार्बोनेट और सोडियम बाई कार्बोनेट pH (शरीर में अम्लीयता का स्तर) को संतुलित करता है।
लैक्टोबैसिलस जो की एक लाभदायक जीवाणु है पाचन को भी सुनिश्चित करता है और पशु को तनाव से बचाता है
पोटैशियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड रुधिर में खनिज लवण संतुलन को बनाते है।
जूल देने के लाभ
जूल पाउडर पशु को गर्मी से राहत प्रदान करता है।
जूल पाउडर पशु को वापिस समान्य चारे पर लाता है।
जूल पाउडर पशु को वापिस पुरे दूध पर लाता है।
जूल पाउडर दस्तो में पशु के शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
कार्डियो में छोटे पशुओ को ताकत प्रदान करता है।
जूल निर्जलीकरण, खनिज लवणों की कमी, कैल्शियम, पोटेसियम, सोडियम से स्तर को सुधारता है।
दस्त एवं आंत्र सूजन, कमजोर पाचन एवं कम रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करता है।
जूल पशु में हीट स्ट्रेस के कारण कम हुए दुग्ध स्त्राव, उत्पादन को ठीक करता है।
गैस एवं एसिडिटी को खत्म करने में भी सहायक है
खुराक बड़े पशु १०० ग्राम दिन में दो बार
छोटे पशु २०-३० ग्राम दिन में दो बार
मुर्गिया १०ग्राम १०० मुर्गियों के लिए
उपलब्धता 1 किलोग्राम
जूल पाउडर गर्मी से राहत के लिए